Sunday, May 4, 2014

मोदी से लड़ने के लिए कांग्रेस ने पैदा किया नकली शंकराचार्य !

मोदी से लड़ने के लिए कांग्रेस ने पैदा किया नकली शंकराचार्य !

            


पुरी/इंदौर। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे-नुकसान के लिए एक नया शंकराचार्य ही पैदा कर दिया है। दअरसल, जिस अधोक्षानंद देवतीर्थ को पुरी पीठ का शंकराचार्य कहकर कांग्रेस भाजपा पर हमला कर रही है, उनका उस पीठ से कोई लेना देना नहीं है। इसके साथ ही वह इस पीठ के शंकराचार्य भी नहीं हैं। यहां पर शंकराचार्य के तौर पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती हैं और उन्होंने अभी तक अपना कोई उत्तराधिकारी भी घोçष्ात नहीं किया है।
दरअसल, यह बहस तब शुरू हुई है जब अधोक्षानंद देवतीर्थ के नाम से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि वह पुरी पीठ के शंकराचार्य हैं और बनारस में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे।
समर्थन-विरोध में नहीं पीठ
जब हमने इस पूरे मामले की छानबीन की तो मामला कुछ और ही निकलकर आ गया। दरअसल, जिस अधोक्षानंद देवतीर्थ को पुरी शंकराचार्य के नाम से कांग्रेस प्रचारित कर रही है उसका पीठ से कोई लेना देना नहीं है। खुद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने या पीठ ने किसी भी प्रत्याशी के समर्थन या विरोध में कोई बयान जारी नहीं किया है।
बात यहीं खत्म हो जाती तो भी बेहतर होता, जब पीठ से संपर्क किया गया तो पीठ की बेवसाइट और शंकराचार्य के दफ्तर के आधिकारिक नंबरों पर पूरी तरह से इस बात की पुष्टि की गई कि शंकराचार्य के तौर पर फिलहाल स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ही विराजमान हैं।
इतना ही नहीं, कार्यालय ने किसी अधोक्षानंद देवतीर्थ के पीठ से जुड़े होने के सवाल पर भी साफ कहा कि इस तरह का कोई शख्स इस पीठ से कोई रिश्ता नहीं रखता है और न ही इस पीठ के अंदर इस नाम का कोई शख्स है।
कांग्रेस कर रही विज्ञापन
कांग्रेस देवतीर्थ को आगे कर भाजपा पर हमला बोल रही है। कांग्रेस अपने विज्ञापन में देवतीर्थ को पुरी पीठ का शंकराचार्य बता रही है। इससे आगे बढ़कर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह खुद उस विज्ञापन को अपने टि्वटर और फेसबुक अकाउंट पर जारी कर भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन सवाल खुद कांग्रेस के पाले में आ खड़ा हो गया है कि यह कौन सी राजनीति है, जिसके लिए इतनी ओछी हरकत की जा रही है।
  ..............................................................................................  श्रोत : पत्रिका

Thursday, May 1, 2014

दिग्विजय सिंह ने अपने कांग्रेसी पुरखों का अनुसरण ही तो किया है



मैं दो-तीन दोनों से सोशल मीडिया में दिग्विजय सिंह के अवैध संबंधो की ख़बरों को सुन रहा हूँ. मुझे इसमें कोई अचरज वाली बात नहीं नजर आती, क्यू की ये पारिवारिक संस्कार होते हैं,जो इंसानों को विरासत में मिलते हैं.वैसे दिग्विजय सिंह के ये शौक तो बहुत पुराने हैं, और इस महिला से पिछले ३ सालों से चल रहा है ,जिसको बिकवु मीडिया दबा के बैठी हुयी थी. वामपंथी पत्रकार आनंद प्रधान की पत्नी अमृता राय,जिसका अभी तक तलाक भी नहीं हुवा है, उसके साथ अन्तरंग संबंधों की जो आपतिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होना शुरू हुवा,तो अच्छे लोगों के चरित्र पर कीचड़ उछलने वाले इस बडबोले नेता का असलियत लोगों के सामने खुल गया.बिकवु मीडिया भी बगलें झाँकने लगी क्युकी सोशल मीडिया ने इस बार भी इन बिकवु मीडिया वालों की कलई खोल दिया.
वैसे देखा जाये तो दिग्विजय ने अपने कांग्रेसी पुरखों का अनुसरण किया है.महात्मा कहलाने वाले मोहनदास गाँधी के बारे में जगजाहिर थे की वो बब्रह्मचर्य के प्रयोग के खातिर हर रात लड़कियों के साथ नग्न सोने का प्रयोग किया.जवाहर लाल नेहरु ने लेडी मौन्तबेतन के साथ क्या संबंध बनाये, आप सबों को पता है.अभिषेक मनु सिंघवी ने एक वकील महिला को जज बना देने का लालच देके यौनशोषण किया,जिसको सोशल मीडिया ने उजागर किया था.हरयाणा के ही एक बुजुर्ग कांग्रेसी सुरजेवाला का किस्सा जगजाहिर है.राजस्थान के महिपाल मदेरणा की सेक्स सीडी तो आप सबके सामने आई थी.वही एक और कांग्रेसी मंत्री भी जेल में है.हरयाणा के कांग्रेसी गृहमंत्री गोपाल कांदा तो एक लड़की के साथ नाजायज संबंधों की वजह से आत्महत्या करने के लिए जेल भेजा जा चूका है.इस तरह अगर देखा जाये तो दिग्विजय ने केवल और केवल कांग्रेस की परंपरा को ही अपनाया है और अपने इस कुकृत्य पे दिग्विजय को गर्व महसूस हो रहा है, तभी तो कल खुलेआम उसने कहा की हाँ,वो स्वीकारता है इस नाजायज संबंधों को.
दिग्विजय का कहना है की उसके निजी मामलों में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.इस बडबोले नेता तो शायद ही कभी ये एहसास हुवा की दूसरों पे बेबुनियाद इल्जाम नहीं लगाना चाहिए.इसने मोदी जी के लिए न जाने कितने गिरे हुए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है,जो शायद इसकी कांग्रेसी विरासत ही होगी.आनद प्रधान जैसे वामपंथी के साथ दिग्विजय की पार्टी के लोग तो मीडिया में मोदी जी को घेरने में लगे रहे और उधर (कांग्रेसी) यार ने ही लूट लिया घर (वामपंथी) यार का..कांग्रेस में महिलावों के शोषण की ये कोई नयी तस्वीर नहीं है.ये वहां पे आये दिन होता रहता है, और अपनी गलतियां छुपाने के लिए औरों पे बेबुनियाद आरोप लगाना इनकी संस्कृति रही है ताकि इनके कुकर्मों पे पर्दा पड़ा रहे और लोगों गलत आरोपण में उलझे रहे.दिग्विजय,अपने कांग्रेसी पुरखों के विरासत को सँभालने के लिए तुमपे सारे कांग्रेसी को नाज है.इसके बाद हमें उम्मीद है की राहुल बाबा भी तुम्हारा अनुसरण जल्द ही करे,
...............................................................................................................................ज्ञानेंद्र झा