मोदी से लड़ने के लिए कांग्रेस ने पैदा किया नकली
शंकराचार्य !
पुरी/इंदौर। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे-नुकसान के लिए एक नया शंकराचार्य ही पैदा कर दिया है। दअरसल, जिस अधोक्षानंद देवतीर्थ को पुरी पीठ का शंकराचार्य कहकर कांग्रेस भाजपा पर हमला कर रही है, उनका उस पीठ से कोई लेना देना नहीं है। इसके साथ ही वह इस पीठ के शंकराचार्य भी नहीं हैं। यहां पर शंकराचार्य के तौर पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती हैं और उन्होंने अभी तक अपना कोई उत्तराधिकारी भी घोçष्ात नहीं किया है।
दरअसल, यह बहस तब शुरू हुई है जब अधोक्षानंद
देवतीर्थ के नाम से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि वह पुरी पीठ के शंकराचार्य हैं और
बनारस में भाजपा के प्रधानमंत्री
पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे।
समर्थन-विरोध
में नहीं पीठ
जब हमने इस पूरे मामले की छानबीन की
तो मामला कुछ और ही निकलकर आ गया। दरअसल, जिस अधोक्षानंद देवतीर्थ को पुरी शंकराचार्य के नाम
से कांग्रेस प्रचारित कर रही है
उसका पीठ से कोई लेना देना नहीं है। खुद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बयान जारी
कर कहा है कि उन्होंने या पीठ ने किसी भी प्रत्याशी के समर्थन या विरोध में कोई बयान जारी नहीं
किया है।
बात यहीं खत्म हो जाती तो भी बेहतर होता, जब पीठ से संपर्क किया गया तो पीठ
की बेवसाइट और शंकराचार्य के दफ्तर के
आधिकारिक नंबरों पर पूरी तरह से इस बात की पुष्टि की गई कि शंकराचार्य के तौर पर फिलहाल
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ही विराजमान हैं।
इतना ही
नहीं, कार्यालय ने किसी अधोक्षानंद देवतीर्थ के पीठ
से जुड़े होने के सवाल पर भी साफ कहा कि इस तरह का कोई शख्स इस पीठ से कोई रिश्ता नहीं रखता
है और न ही इस पीठ के अंदर इस नाम
का कोई शख्स है।
कांग्रेस कर
रही विज्ञापन
कांग्रेस देवतीर्थ को आगे कर भाजपा पर हमला
बोल रही है। कांग्रेस अपने विज्ञापन में देवतीर्थ को पुरी पीठ का शंकराचार्य बता रही है। इससे
आगे बढ़कर कांग्रेस के
राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह खुद उस विज्ञापन को अपने टि्वटर और फेसबुक अकाउंट पर जारी कर भाजपा पर
हमला बोल रहे हैं। लेकिन सवाल खुद कांग्रेस के पाले में आ खड़ा हो गया है कि यह कौन सी
राजनीति है, जिसके लिए इतनी ओछी हरकत की जा रही है।
.............................................................................................. श्रोत : पत्रिका