Wednesday, July 30, 2014

सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व



  सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है। इसे भगवान शिव का दिन माना जाता है। इसलिए सोमवार के दिन शिव भक्त शिवालयों में जाकर शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। इस वर्ष सावन के महीने में चार सोमवार है। पहला सोमवार 29 जुलाई को है, दूसरा 5 अगस्त को, तीसरा 12 को और चौथा 19 अगस्त को। इन चारों सोमवार का अपना विशेष महत्व है।
सावन का पहला सोमवारः बाधाओं से मुक्ति पाएं :
सावन का पहला सोमवार एक साथ दो शुभ योग लेकर आया है। इस दिन धृति योग बन रहा है। साथ ही सर्वार्थ सिद्घ योग भी कुछ समय तक रहेगा। माना जाता है कि इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से बाधाओं से मुक्ति मिलती है और योजनाओं को पूरा करने में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
धृति योग के विषय में माना जाता है कि इस योग में जन्म लेने वाले बच्चे धैर्यवान और ज्ञानी होते हैं। इस योग में अगर कोई काम शुरू करेंगे तो कार्य लंबे समय तक चलता रहेगा। इसलिए नया व्यवसाय और लंबी अवधि की योजनाओं को शुरू करने के लिए सावन का पहला सोमवार उत्तम है।
सावन का दूसरा सोमवारः शिव से पाएं स्वास्थ्य और बल
सावन का दूसरा सोमवार भी सर्वार्थ सिद्घ योग लेकर आ रहा है। इसके साथ ही इस दिन व्रज नामक योग भी बन रहा है। इस दोनों योगों के कारण सावन का दूसरा सोमवार विशेष फलदायक बन गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से बल एवं स्वास्थ्य की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस सोमवार के दिन भगवान शिव को भांग, धतूरा एवं शहद अर्पित करना उत्तम फलदायी रहेगा।
सावन का तीसरा सोमवारः शिव मंत्र की सिद्घि करें
सावन का तीसरा सोमवार साध्य योग लेकर आ रहा है। इस योग को साधना और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। शिव भक्त इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जप करके मंत्र सिद्घि प्राप्त कर सकते हैं। माना जाता है कि साध्य योग में भगवान शिव की पूजा करने से कठिन कार्य भी आसानी से बन जाता है।
सर्वोत्तम है सावन का चौथा सोमवार
सावन का चौथा सोमवार प्रदोश व्रत को साथ लेकर आ रहा है। प्रदोष व्रत भी भगवान शिव को समर्पित होता है इसलिए इस सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में प्रदोष व्रत के दिन खासतौर पर सोमवार भी हो तो शिव की पूजा करने से अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है।
इस दिन भक्ति पूर्वक शिव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। कार्य क्षेत्र एवं जीवन के दूसरे क्षेत्रों में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है। जीवन पर आने वाले संकट टल जाते हैं।
इसके अलावा इस दिन आयुष्मान योग एवं सौभाग्य योग भी बन रहा है। इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा करने से दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम और सहयोग बढ़ता है। आर्थिक परेशानियों में कमी आती है तथा जीवन पर आने वाले संकट से भगवान शिव रक्षा करते हैं।
                                                                                                      
                                                    जय भोले जय भण्डारी
                                            रामेश्वर धाम,श्रीन्गारपुर,लखीसराय (बिहार)


Sunday, May 4, 2014

मोदी से लड़ने के लिए कांग्रेस ने पैदा किया नकली शंकराचार्य !

मोदी से लड़ने के लिए कांग्रेस ने पैदा किया नकली शंकराचार्य !

            


पुरी/इंदौर। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे-नुकसान के लिए एक नया शंकराचार्य ही पैदा कर दिया है। दअरसल, जिस अधोक्षानंद देवतीर्थ को पुरी पीठ का शंकराचार्य कहकर कांग्रेस भाजपा पर हमला कर रही है, उनका उस पीठ से कोई लेना देना नहीं है। इसके साथ ही वह इस पीठ के शंकराचार्य भी नहीं हैं। यहां पर शंकराचार्य के तौर पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती हैं और उन्होंने अभी तक अपना कोई उत्तराधिकारी भी घोçष्ात नहीं किया है।
दरअसल, यह बहस तब शुरू हुई है जब अधोक्षानंद देवतीर्थ के नाम से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि वह पुरी पीठ के शंकराचार्य हैं और बनारस में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे।
समर्थन-विरोध में नहीं पीठ
जब हमने इस पूरे मामले की छानबीन की तो मामला कुछ और ही निकलकर आ गया। दरअसल, जिस अधोक्षानंद देवतीर्थ को पुरी शंकराचार्य के नाम से कांग्रेस प्रचारित कर रही है उसका पीठ से कोई लेना देना नहीं है। खुद शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने या पीठ ने किसी भी प्रत्याशी के समर्थन या विरोध में कोई बयान जारी नहीं किया है।
बात यहीं खत्म हो जाती तो भी बेहतर होता, जब पीठ से संपर्क किया गया तो पीठ की बेवसाइट और शंकराचार्य के दफ्तर के आधिकारिक नंबरों पर पूरी तरह से इस बात की पुष्टि की गई कि शंकराचार्य के तौर पर फिलहाल स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ही विराजमान हैं।
इतना ही नहीं, कार्यालय ने किसी अधोक्षानंद देवतीर्थ के पीठ से जुड़े होने के सवाल पर भी साफ कहा कि इस तरह का कोई शख्स इस पीठ से कोई रिश्ता नहीं रखता है और न ही इस पीठ के अंदर इस नाम का कोई शख्स है।
कांग्रेस कर रही विज्ञापन
कांग्रेस देवतीर्थ को आगे कर भाजपा पर हमला बोल रही है। कांग्रेस अपने विज्ञापन में देवतीर्थ को पुरी पीठ का शंकराचार्य बता रही है। इससे आगे बढ़कर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह खुद उस विज्ञापन को अपने टि्वटर और फेसबुक अकाउंट पर जारी कर भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन सवाल खुद कांग्रेस के पाले में आ खड़ा हो गया है कि यह कौन सी राजनीति है, जिसके लिए इतनी ओछी हरकत की जा रही है।
  ..............................................................................................  श्रोत : पत्रिका

Thursday, May 1, 2014

दिग्विजय सिंह ने अपने कांग्रेसी पुरखों का अनुसरण ही तो किया है



मैं दो-तीन दोनों से सोशल मीडिया में दिग्विजय सिंह के अवैध संबंधो की ख़बरों को सुन रहा हूँ. मुझे इसमें कोई अचरज वाली बात नहीं नजर आती, क्यू की ये पारिवारिक संस्कार होते हैं,जो इंसानों को विरासत में मिलते हैं.वैसे दिग्विजय सिंह के ये शौक तो बहुत पुराने हैं, और इस महिला से पिछले ३ सालों से चल रहा है ,जिसको बिकवु मीडिया दबा के बैठी हुयी थी. वामपंथी पत्रकार आनंद प्रधान की पत्नी अमृता राय,जिसका अभी तक तलाक भी नहीं हुवा है, उसके साथ अन्तरंग संबंधों की जो आपतिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होना शुरू हुवा,तो अच्छे लोगों के चरित्र पर कीचड़ उछलने वाले इस बडबोले नेता का असलियत लोगों के सामने खुल गया.बिकवु मीडिया भी बगलें झाँकने लगी क्युकी सोशल मीडिया ने इस बार भी इन बिकवु मीडिया वालों की कलई खोल दिया.
वैसे देखा जाये तो दिग्विजय ने अपने कांग्रेसी पुरखों का अनुसरण किया है.महात्मा कहलाने वाले मोहनदास गाँधी के बारे में जगजाहिर थे की वो बब्रह्मचर्य के प्रयोग के खातिर हर रात लड़कियों के साथ नग्न सोने का प्रयोग किया.जवाहर लाल नेहरु ने लेडी मौन्तबेतन के साथ क्या संबंध बनाये, आप सबों को पता है.अभिषेक मनु सिंघवी ने एक वकील महिला को जज बना देने का लालच देके यौनशोषण किया,जिसको सोशल मीडिया ने उजागर किया था.हरयाणा के ही एक बुजुर्ग कांग्रेसी सुरजेवाला का किस्सा जगजाहिर है.राजस्थान के महिपाल मदेरणा की सेक्स सीडी तो आप सबके सामने आई थी.वही एक और कांग्रेसी मंत्री भी जेल में है.हरयाणा के कांग्रेसी गृहमंत्री गोपाल कांदा तो एक लड़की के साथ नाजायज संबंधों की वजह से आत्महत्या करने के लिए जेल भेजा जा चूका है.इस तरह अगर देखा जाये तो दिग्विजय ने केवल और केवल कांग्रेस की परंपरा को ही अपनाया है और अपने इस कुकृत्य पे दिग्विजय को गर्व महसूस हो रहा है, तभी तो कल खुलेआम उसने कहा की हाँ,वो स्वीकारता है इस नाजायज संबंधों को.
दिग्विजय का कहना है की उसके निजी मामलों में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.इस बडबोले नेता तो शायद ही कभी ये एहसास हुवा की दूसरों पे बेबुनियाद इल्जाम नहीं लगाना चाहिए.इसने मोदी जी के लिए न जाने कितने गिरे हुए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है,जो शायद इसकी कांग्रेसी विरासत ही होगी.आनद प्रधान जैसे वामपंथी के साथ दिग्विजय की पार्टी के लोग तो मीडिया में मोदी जी को घेरने में लगे रहे और उधर (कांग्रेसी) यार ने ही लूट लिया घर (वामपंथी) यार का..कांग्रेस में महिलावों के शोषण की ये कोई नयी तस्वीर नहीं है.ये वहां पे आये दिन होता रहता है, और अपनी गलतियां छुपाने के लिए औरों पे बेबुनियाद आरोप लगाना इनकी संस्कृति रही है ताकि इनके कुकर्मों पे पर्दा पड़ा रहे और लोगों गलत आरोपण में उलझे रहे.दिग्विजय,अपने कांग्रेसी पुरखों के विरासत को सँभालने के लिए तुमपे सारे कांग्रेसी को नाज है.इसके बाद हमें उम्मीद है की राहुल बाबा भी तुम्हारा अनुसरण जल्द ही करे,
...............................................................................................................................ज्ञानेंद्र झा

Saturday, April 26, 2014

सैनिकों और इस्लामिक आतंकवादियों में संघर्ष

सैनिकों और इस्लामिक आतंकवादियों में संघर्ष , 40 आतंकवादी और 4 सैनिक मारे गए , 9 सैनिक घायल हो गए

                   



नाइजीरियाई सैनिकों और इस्लामिक समूहों के बीच संघर्ष का खूनी खेल सामने आया है जहां 40 से अधिक विद्रोहियों और चार सैनिकों की मौत हो गयी।
ये संघर्ष देश के उत्तरी हिस्से में उस जगह के पास हुआ जहां अपहृत लड़कियों को रखे जाने की बात कही जा रही है।
रक्षा प्रवक्ता मेजर जनरल क्रिस ओलूकोलैड ने एक बयान में बताया कि कल रात बोर्नो राज्य के बुलानबुली के बाहरी इलाकों में बड़ा संघर्ष हुआ।
उन्होंने ईमेल से दिए गए एक बयान में कहा, संघर्ष में करीब 40 आतंकवादी और चार सैनिक मारे गए और 9 सैनिक घायल हो गए।
सेना के बयान की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कल रात दर्जनों धमाकों की आवाजें सुनी।आपको बता दें बुलानबुली अलागार्मो और सामबीसा जंगल के बीच स्थित है जहां अपहृत छात्राओं को रखे जाने की बात कही जा रही है। इन छात्राओं को गत 14 अप्रैल को अपहृत किया गया था।
नाइजीरिया की राजधानी में 14 अप्रैल को भीड़भाड़ वाले एक बस स्टेशन पर बम विस्फोट में कम से कम 75 लोग मारे गए थे। ये हमले अबुजा में हुए अब तक के सबसे जानलेवा हमले थे। इस हमले के कुछ घंटों बाद अपहरण की घटना हुई थी।
बोको हरम के नेता अबुबाकर शेखू ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

 ........................................................................................................ स्त्रोत: P7news