आध्यात्मिक नगरी रामेश्वरधाम :लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड के अमरपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत प्राचीनकाल से ही विंधपर्वत माला की श्रृंखला के छांव तले गंगा के दकच्नी छोर पर सलेमावाद भूमि के आँचल में सदैव श्रृंगार से युक्त अपने नाम के अनुरूप देवताओं के श्रृंगार के लिए प्रसिद्ध श्रृंगारपुर अपभ्रंस नाम सिंगारपुर देवी-देवताओं के लोक नयना-भिराम का केंद्र रहा है I प्रसिद्ध श्रृंगिऋषि धाम इसी अंचल में अवस्थित है जहाँ भगवान श्रीराम के सभी भाइयों के साथ मुंडन संस्कार मंत्र-द्रष्टा श्रृंगी ऋषि के आश्रम में हुआ था और आज भी काल-खंड के सभी बाधाओं को पार करते हुए अपने अस्तित्वा के दर्शन हेतु विराजमान है I
काल क्रम में इतिहास को साबित करने के लिए जिस 2012 के वर्ष में माया सभ्यता के माध्यम से दुनियां की संरचना समाप्त होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी,तभी पर्वतमाला की गोद में वसे सिंगारपुर के धरती से प्रकट अद्भुत-अलौकिक एवं चमत्कारी ज्योतिर्लिंग काले पाषण की चमत्कारी कसौटी युक्त ज्योतिर्मय शिवलिंग श्रावण माह के कृष्णपछ त्रयोदशी दिन मंगलवार दिनांक -17.07.2012 ई विक्रम संवत 2069 को करीब डेढ बजे अपराहन रत्नगर्भा धरती ने जब अंगराई ली,जो अद्भुत ज्योतिर्लिंग व् अनेक मूर्तियाँ कृषि कार्य हेतु जोते जाने के क्रम में "भये प्रकट कृपाला" के रूप में लोगों के बीच कौतुहल उत्पन्न कर विराजमान हो गए और कानों-कण फैली बातों के बाद श्रधालुओं की हुजूम उमड़ पड़ी I उसी उत्खनन के क्रम में 1 लघु प्रयाश से कुल 14 मूर्तियाँ आम-आवाम के दर्शन हेतु सौभाग्य रूप में अवतरित हुई I इस लघु उत्खनन में शिवोपसना की अनेक सामग्री भी प्राप्त हुई : -
शिवलिंग,माता पार्वती, माँ सरस्वती,माता गंगा, एक संयुक्त रूप में पार्वती जी के गोद में गणेश जी एवं संध्या जी के गोद में कार्तिक जी, काल भेरवि,नरसिंह भगवान,बजरंवली,एक दन्त विघ्नविनाशक,शर्पमाला धारी गणेश जी,शनिदेव महाराज,माता काली,सूर्य भगवान,माता छिन्न्मस्तिके ,शालिग्राम की मूर्तियाँ मिली है I इसके आलावा शिवोपासना की सामग्री के रूप में पत्थर का त्रिशूल, भांग घोटना,शिला,चंद्नौटI,कसेली,चिलम,मिट्टी का कलश एवं पत्थर के पर्वत भी प्राप्त हुए I
चुकी श्रावण माह में शिवोपासना की धूम मची रहती है और इसी पवित्र माह में ज्योतिर्मय शिवलिंग अवतरण होने के फल्श्स्वरूप भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा आगे तत्काल उत्खनन के लिए मनाही कर डी गयी I खुदाई होने पर यहाँ एक नए इतिहास की सम्भावना है ।
इस धाम के विकास की बढती जिम्मेदारी के लिए स्थायी व्यवस्था के तहत 21 सदश्यी समिति के गठन हेतु पारित निर्णय के आलोक में अध्यछ,सचिव एवं कोषाद्यछ के 1-1 पद के लिए क्रमशः कृष्णनंदन सिंह,सीताराम सिंह,रामाधार सिंह नामित किये गए I धर्मनिष्ठ लोगों की भावनाओं से परिचित हो उन्ही के सहयोग से मंदिर निर्माण,ग्रामीण इलाकों एवं सम्पूर्ण राज्य तथा देशभक्त के शिवभक्तों के सहयोग से 1 सुन्दर भव्य एवं विशाल मंदिर बनाने का संकल्प 1 स्वर से लिया है I रामेश्वर धाम परिसर में 02 एकड़ जमीन भूस्वामियों ने सुन्दर चारदिवारी शिव मंदिर एवं अन्य मंदिर बनाने के लिए अपनी स्वेछा से दान स्वरुप दिया है I शेष 02 एकड़ मंदिर परिसर में बचे जमीं का भी भू-स्वामियों द्वारा सहमती प्रदान की गयी है जिससे की यह स्थान दार्शनिक स्थल के रूप में विकसित हो सके I
देशवासियों से सविनय प्रार्थना है की रामेश्वर धाम आ कर ज्योतिर्लिंग शिवलिंग के दर्शन में अवश्य उपस्थित हों और उनकी कीर्ति की महागाथा को देश के कोने–कोने में पहुचने का भी पुण्य कार्य करें । ताकी 1 बार फिर यह स्थान अध्यात्मिक नगरी बने , जिसपर देश गर्व करे ..........
RAMESHWARDHAM, SHRINGARPUR
LAKHISARAI (BIHAR) - 811310